श्री भागवतार्क-मरीचिमाला - Sri Bhagavatarka Marici Mala – Hindi (Hardcover)
Sri Bhagavatarka Marici Mala (Hindi)
A Garland of Rays from the Sunlike Srimad Bhagavatam
By Srila Bhaktivinoda Thakura
Hindi Translation & Commentary by Srila Bhaktivedanta Narayana Gosvami Maharaja
Published by Gaudiya Vedanta Prakashan (2008) | Hardbound, 416 pages, Illustrated
A profound compilation of 108 essential truths from the Srimad Bhagavatam, arranged as radiant rays from the “sun of divine wisdom.” Srila Bhaktivinoda Thakura reveals the core philosophy and devotional essence of the Bhagavatam, guiding seekers toward pure bhakti and realization of Sri Krishna’s eternal pastimes.
श्री भागवतार्क-मरीचिमाला श्रील भक्तिविनोद ठाकुर की अद्भुत कृति है, जिसमें उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण के गूढ़ तत्त्वों को “सूर्य के समान भागवत” की किरणों के रूप में प्रस्तुत किया है।
यह ग्रंथ भागवत धर्म के 108 प्रमुख विषयों को सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे साधक भागवत के गूढ़ संदेश को सहजता से समझ सके।
श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज द्वारा अनुवादित एवं व्याख्यायित यह हिन्दी संस्करण अत्यंत सुगम, रसपूर्ण और तात्त्विक है — जो भक्ति, तत्त्वज्ञान और रस की दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान है।
श्रीमद्भागवत के 108 तात्त्विक किरणें (Marīcīs)
भक्ति, वैराग्य और प्रेम के रहस्यों का स्पष्टीकरण
भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का दार्शनिक विवेचन
वैष्णव साधना में भागवत का स्थान और महत्त्व
विशेषताएँ:
संस्कृत श्लोकों सहित हिन्दी अनुवाद व भावार्थ
श्रील नारायण गोस्वामी महाराज की टीका सहित
सुंदर छपाई और चित्रयुक्त हार्डबाउंड संस्करण
अध्ययन, साधना और प्रवचन — तीनों हेतु उपयुक्त ग्रंथ
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यह ग्रंथ साधक को श्रीमद्भागवत के अमृत-स्रोत तक पहुँचाने वाला सूर्य-किरणों का एक पवित्र पुष्पहार है — जो हृदय को भक्ति-प्रकाश से आलोकित कर देता है।





















