Sri Krishna Bhavanamrita (Hindi) Srila Visvanatha Chakravarti Thakur
श्रीकृष्णभावनामृत
लेखक: श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर
भाषा: संस्कृत मूल श्लोक, हिन्दी/अंग्रेज़ी अनुवाद सहित
प्रकाशन: गौड़ीय वैष्णव साहित्य
श्रीमद् गौड़ीय वैष्णवाचार्य प्रवर श्रीश्रीमद् विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर द्वारा रचित “श्रीकृष्णभावनामृत” वैष्णव साहित्य का अनुपम ग्रंथ है। इसमें राधा-कृष्ण के दिव्य नित्य-विलास, माधुर्य रस और भक्त के अंतःकरण में जागृत होने वाले प्रेम-भावों का अद्भुत वर्णन है।
यह ग्रंथ साधक को गोपियों के अनुराग, माधुर्य भक्ति की गहनता तथा रसमयी लीला के चिंतन में स्थिर करता है। ठाकुर महाराज ने अत्यंत भावपूर्ण एवं तत्त्वपूर्ण शैली में भक्ति-रस का निरूपण किया है, जिससे साधक धीरे-धीरे रागानुगा भक्ति पथ पर अग्रसर होता है।
मुख्य विशेषताएँ
राधा-कृष्ण की नित्य लीलाओं का गूढ़ रहस्योद्घाटन।
भक्ति-रस शास्त्र के आधार पर गहन व्याख्या।
वैष्णव साधकों के लिए साधना और ध्यान का अमूल्य मार्गदर्शन।
मूल संस्कृत पाठ के साथ भावपूर्ण अनुवाद।
यह पुस्तक क्यों विशेष है?
“श्रीकृष्णभावनामृत” न केवल दार्शनिक दृष्टि से, बल्कि रसात्मक अनुभूति की दृष्टि से भी अद्वितीय है। यह हर उस साधक के लिए अनिवार्य ग्रंथ है जो राधा-कृष्ण की अनन्य भक्ति और रागानुगा साधना को अपने जीवन में धारण करना चाहता है।
Discover Shri Krishna Bhavanamritam by Srila Visvanatha Cakravarti Thakura – a Gaudiya Vaishnava masterpiece on Radha-Krishna’s eternal pastimes, madhurya-rasa, and raganuga bhakti. With Sanskrit text and devotional translation, this essential granth guides seekers into the depths of divine love and meditation.





















