श्रीगीतगोविन्दम श्रील जयदेव गोस्वामी - Sri Gita Govindam (Hindi) Hardcover
A timeless Sanskrit masterpiece glorifying the divine love of Śrī Śrī Rādhā and Kṛṣṇa, Śrī Gīta Govinda beautifully portrays the moods of separation and union through exquisite poetry and devotional emotion.
This edition includes word-by-word meaning (Anvaya), translation, poetic rendering, and the renowned Bālabodhinī commentary by Śrī Pujārī Gosvāmī, edited by Śrīla Bhaktivedānta Nārāyaṇa Gosvāmī Mahārāja, under the guidance of Śrīla Bhaktiprajñāna Keśava Gosvāmī Mahārāja.
A divine blend of devotion, melody, and poetic artistry — this book reveals the heart of Vraja’s transcendental love.
अन्वय, अनुवाद, पद्यानुवाद एवं बालबोधिनी टीकासहित
श्री पुजारी गोस्वामी कृत | सम्पादक: त्रिदण्डिस्वामी श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज
अनुगृहीत: ॐ विष्णुपाद अष्टोत्तरशत श्रील भक्तिप्रज्ञान केशव गोस्वामी महाराज
प्रकाशक: श्री गौड़ीय वेदान्त समिति, भारतव्यापी श्री गौड़ीय मठ
श्री गीतगोविन्दम् महान कवि श्री जयदेव गोस्वामी की अमर काव्यकृति है, जिसमें श्री श्री राधा-कृष्ण के मधुर प्रेम-प्रसंगों का अत्यंत कोमल, भावनापूर्ण और रसपूर्ण चित्रण किया गया है। यह ग्रंथ संभोग और विप्रलम्भ दोनों प्रकार के शृंगार-रस का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत करता है। श्री जयदेव कवि ने इसमें गान्धर्व-विद्या, भाव-सौंदर्य और काव्य-कला का ऐसा संगम किया है, जो संस्कृत साहित्य में अनुपम है।
इस संस्करण में श्री पुजारी गोस्वामी द्वारा किए गए अन्वय, गद्य-अनुवाद, पद्यानुवाद तथा “बालबोधिनी टीका” के भावानुवाद सम्मिलित हैं, जो साधक-पाठक दोनों के लिए इस काव्य की गूढ़ रसधारा को सुलभ बनाते हैं।
श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज के निर्देशन में यह ग्रंथ न केवल एक साहित्यिक रत्न है, बल्कि यह भक्तिरस के माध्यम से राधा-माधव के दिव्य प्रेम का साक्षात्कार कराता है।




















