श्रीब्रह्मसंहिता (Sri Brahma Samhita) – श्रील श्रीजीव गोस्वामीकृत टीका सहित
श्रीब्रह्मसंहिता" – वैदिक साहित्य का एक दिव्य ग्रंथ है, जिसमें साक्षात् ब्रह्माजी द्वारा की गई श्रीगोविन्द की स्तुति रूप मन्त्रावली संकलित है। इस संस्करण में केवल पंचम अध्याय सम्मिलित है, जो गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय में अत्यंत पूजनीय है।
इस ग्रंथ में:
संस्कृत मूल श्लोक
श्रील श्रीजीव गोस्वामी द्वारा रचित पारंपरिक टीका
सुस्पष्ट हिन्दी व्याख्या
सम्पादन एवं भाष्य श्री हरिदास शास्त्री जैसे नव्य न्यायाचार्य, वेदान्ताचार्य, तात्त्विक विचारक द्वारा
श्रीहरिदास शास्त्री महाराज – जो न्याय-वैशेषिक, काव्य-व्याकरण, सांख्य-मीमांसा, वेदान्त-तर्क, तथा वैष्णव दर्शन के प्रखर विद्वान थे – ने इस ग्रंथ को शास्त्रीय परम्परा के अनुरूप सम्पादित किया है।
🔷 ग्रंथ की विशेषताएँ:
श्रीजीव गोस्वामीकृत दुर्लभ टीका सहित
भक्तियोग और वेदान्त का संगम
वृन्दावन के सुप्रसिद्ध विद्वान श्रीहरिदास शास्त्री द्वारा सम्पादन
वैष्णव दर्शन के शोधार्थियों एवं साधकों हेतु अनिवार्य ग्रंथ
संस्कृत मूल, शास्त्रीय टीका और सहज हिन्दी में व्याख्या