श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय
श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय तथा श्रीगुर्वाष्टक, सेवा अपराध और नाम अपराध” — अत्यंत महत्वपूर्ण एवं साधना-केंद्रित है। यह भक्तों, साधकों और गंभीर वैष्णव जिज्ञासुओं के लिए एक सशक्त मार्गदर्शन का स्रोत बन सकता है।
श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय
तथा श्रीगुर्वाष्टक, सेवा अपराध और नाम अपराध
प्रस्तुतकर्ता: श्रीहरिदास शास्त्री जी महाराज
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🪔 विषय परिचय:
"गोपालनन्दनं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥"
श्रीकृष्ण स्वयं भगवद्गीता में स्पष्ट करते हैं कि भक्तियोग ही परम प्राप्ति का श्रेष्ठतम उपाय है। यह लघु किन्तु गम्भीर ग्रंथ श्रीहरिदास शास्त्री जी द्वारा प्रस्तुत एक साधक-मार्गदर्शिका है, जिसमें तीन मुख्य विषयों का गहन विवेचन किया गया है:
🔹 मुख्य विषयवस्तु:
1. श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार भगवत्प्राप्ति के उपाय:
निष्काम कर्म, ज्ञान और भक्ति का समन्वय
भगवद्गीता के मूल श्लोकों पर आध्यात्मिक व्याख्या
भगवान की प्राप्ति में गुरु की भूमिका
2. श्रीगुर्वष्टक का भावानुवाद और व्याख्या:
श्रीविश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर द्वारा रचित यह स्तोत्र वैष्णव साधना की आत्मा है
गुरु-भक्ति और तत्त्व-ज्ञान का परिशुद्ध स्त्रोत
3. सेवा अपराध और नाम अपराध का विवेचन:
10 नामापराधों की सूची व परिणाम
गुरु व वैष्णवों की सेवा में सूक्ष्म अपराध कैसे साधना को बाधित करते हैं
शुद्ध भक्ति की रक्षा के उपाय