श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय Srimad Bhagavad-gitokta Bhagavat-prapt
श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय तथा श्रीगुर्वाष्टक, सेवा अपराध और नाम अपराध” — अत्यंत महत्वपूर्ण एवं साधना-केंद्रित है। यह भक्तों, साधकों और गंभीर वैष्णव जिज्ञासुओं के लिए एक सशक्त मार्गदर्शन का स्रोत बन सकता है।
Śrīmad-Bhagavad-gītokta Bhagavat-prāpti kā upāya
The Path to God-Realization According to the Bhagavad Gītā"
श्रीमद्भगवद्गीतोक्त भगवत्प्राप्ति का उपाय
तथा श्रीगुर्वाष्टक, सेवा अपराध और नाम अपराध
प्रस्तुतकर्ता: श्रीहरिदास शास्त्री जी महाराज
"गोपालनन्दनं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥
श्रीकृष्ण स्वयं भगवद्गीता में स्पष्ट करते हैं कि भक्तियोग ही परम प्राप्ति का श्रेष्ठतम उपाय है। यह लघु किन्तु गम्भीर ग्रंथ श्रीहरिदास शास्त्री जी द्वारा प्रस्तुत एक साधक-मार्गदर्शिका है, जिसमें तीन मुख्य विषयों का गहन विवेचन किया गया है:
1. श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार भगवत्प्राप्ति के उपाय:
निष्काम कर्म, ज्ञान और भक्ति का समन्वय
भगवद्गीता के मूल श्लोकों पर आध्यात्मिक व्याख्या
भगवान की प्राप्ति में गुरु की भूमिका
2. श्रीगुर्वष्टक का भावानुवाद और व्याख्या:
श्रीविश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर द्वारा रचित यह स्तोत्र वैष्णव साधना की आत्मा है
गुरु-भक्ति और तत्त्व-ज्ञान का परिशुद्ध स्त्रोत
3. सेवा अपराध और नाम अपराध का विवेचन:
10 नामापराधों की सूची व परिणाम
गुरु व वैष्णवों की सेवा में सूक्ष्म अपराध कैसे साधना को बाधित करते हैं
शुद्ध भक्ति की रक्षा के उपाय





















