Sri Chaitanya charitamrita (Hindi) By Bhaktivedanta Narayana Gosvami
Sri Caitanya Caritamrta (Hindi) – With Amrta-pravaha, Anubhasya, and Amrtanu-kanika Commentaries
श्रीकृष्णदास कविराज गोस्वामी कृत ‘श्रीचैतन्यचरितामृत’ अब हिंदी में, श्री भक्तिविनोद ठाकुर, श्री भक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर, एवं श्री नारायण महाराज की प्रामाणिक टीकाओं सहित — गौड़ीय वैष्णवों के लिए दुर्लभ ग्रंथ।
श्रीचैतन्यचरितामृत वैष्णव साहित्य का वह अमूल्य रत्न है, जिसमें श्री चैतन्य महाप्रभु के जीवन, शिक्षाएं, और दिव्य लीलाएं संकलित हैं। श्रीकृष्णदास कविराज गोस्वामी द्वारा रचित यह ग्रंथ गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख स्तंभों में से एक है।
इस हिंदी संस्करण की विशिष्टता इसकी तीन स्तरों की टीका में है:
1. अमृतप्रवाह भाष्य – श्रीसच्चिदानंद भक्तिविनोद ठाकुर द्वारा रचित, जो महाप्रभु के भावों की सहज व्याख्या करता है।
2. अनुभाष्य – श्रीभक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर द्वारा रचित, जो स्वरूप-विरोधी सिद्धांतों का खंडन करता है और तत्वज्ञान को गहराई से स्पष्ट करता है।
3. अमृतानुकणिका – श्रीभक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज के भावप्रवचनों पर आधारित, जो ग्रंथ में भावरस और आत्मिक समझ को गहरा करता है।
यह ग्रंथ न केवल विद्वानों, संन्यासियों और साधकों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए अमूल्य है जो श्रीचैतन्य महाप्रभु की भक्ति-परंपरा को हृदयंगम करना चाहते हैं।





















