Haridasvarya Sri Govardhan (Hindi)
श्री गोवर्धन के विषय में एक दृष्टिकोण यह भी है कि वे भगवान के परम भक्त (दासों) में श्रेष्ठ हैं। इसी कारण श्रीमती राधारानी स्वयं गोवर्धन को ‘हरिदासवर्य’ कहकर संबोधित करती हैं — अर्थात् वे श्री हरि के सर्वोत्तम सेवक हैं, क्योंकि गोवर्धन न केवल श्री हरि की सेवा करते हैं, बल्कि उनके प्रियजनों — गौएँ, गोप, गोपियाँ आदि — की भी सेवा करते हैं।
इसीलिए आचार्यगण हमें ‘गोवर्धनाश्रय’ ग्रहण करने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि हम श्रीकृष्ण के चरणों की प्राप्ति कर सकें या उनके प्रति गहरी आसक्ति जाग्रत कर सकें। श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी कहते हैं कि गोवर्धन श्री राधा-कृष्ण की सेवा के द्वार हैं। प्रतिदिन गिरिराज का दर्शन, स्पर्श, स्तुति और सेवा करने से साधक के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति विशेष दिव्य प्रेम जाग्रत होता है।
By Sarvasaksi Das
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